नर्सिज स्टाफ के आगे झुक गया आईजीएमसी प्रबंधन

शिमला। आईजीएमसी प्रबंधन ने पैरा मेडिकल (नर्सिज स्टाफ) के आगे घुटने टेक दिए हैं। नर्सिज स्टाफ की अब रोटेशन में ड्यूटी लगाने के फैसले से प्रबंधन पलट गया है। इनकी ड्यूटी में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। मरीजों के हितों को ताक पर रखकर प्रबंधन ने सर्कुलर भी जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि नर्सिज स्टाफ की ड्यूटी यथावत रहेगी।
प्रबंधन ने स्टाफ नर्सिज से रोटेशन में ड्यूटी लेने के लिए एक योजना तैयार की थी। इसमें इन सभी को एक जैसा काम देने की बात कही गई। लेकिन जो एक जगह पिस रहा है, उसे वहां से बदला नहीं जाता। जो लाइट ड्यूटी दे रहा है, वह बरसों से वहीं जमा है। साल में मिलने वाला एक माह का अतिरिक्त वेतन भी लिया जा रहा है जबकि नियमों के मुताबिक केवल वही नर्सिज इसकी हकदार हैं, जो इमरजेंसी ड्यूटी के साथ सख्त ड्यूटी दे रही हैं। रोटेशन में ड्यूटी न देने पर दलील दी जा रही है कि अगर कहीं कोई वार्ड सिस्टर बदल दी जाती है तो किसी दूसरे को संभालना मुश्किल होगा। लेकिन यह दलील उस वक्त खत्म हो जाती है जब यह छुट्टी पर जाती हैं। तब भी तो यह किसी अन्य को चार्ज देती हैं। इतना ही नहीं, ओपीडी में भी स्टाफ नर्सिज को तैनात किया गया है जबकि वार्डों में स्टाफ की कमी चल रही है। आईजीएमसी का ये दोहरा मापदंड उन स्टाफ नर्सिज के मनोबल को तोड़ रहा है, जिन्होंने पेशेंट केयर के लिए इस पेशे को अपनाया था। उधर, आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश ने कहा कि रोटेशन में ड्यूटी ले पाना संभव नहीं है। इसलिए एक सर्कुलर जारी किया गया है कि सभी की ड्यूटियां यथावत रहेंगी।

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